Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लखनऊ में आयोजित पहले संयुक्त कमांडर सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्रत्त् बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता के विकास का आह्वान किया।
Rajnath Singh ने अधिकारियों संग बनाई रणनीति
शीर्षस्तरीय सैन्य नेतृत्व बैठक के अंतिम दिन रक्षामंत्री ने सशस्त्रत्त् बलों के योगदान, तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त ऑपरेशन और एकीकरण बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्रत्त् बलों में बदलाव’ थीम पर आयोजित सम्मेलन में रक्षामंत्री ने संयुक्त सैन्य दृष्टिकोण विकसित करने और भविष्य के युद्ध में देश की चुनौतियों के लिए तैयारी का आह्वान किया। सम्मेलन में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने शिरकत की। समारोह में रक्षा मंत्रालय और सशस्त्रत्त् बलों के 17 अधिकारियों ने रणनीति पर चर्चा की।
हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा: Rajnath Singh
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें अपने वर्तमान पर ध्यान रखना होगा। मौजूदा समय में हमारे आस-पास हो रही गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है। इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और राष्ट्रीय सुरक्षा घटक होना चाहिए। हमारे पास हर तरह के इंतजाम होने चाहिए। रक्षा मंत्री ने कमांडरों से सशस्त्र बलों के लिए हाईटेक हथियारों का इस्तेमाल करने की बात कही।
चुनौतियों के लिए तैयारी पर जोर
Rajnath Singh ने संयुक्त सैन्य दृष्टि विकसित करने और भविष्य में होने वाले युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयारी करने के महत्व पर जोर दिया और किसी भी तरह के उकसावे पर तत्काल रिएक्शन देने की बात कही। सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों में बदलाव’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में ‘एकीकृत थिएटर कमान’ शुरू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा पर व्यापक चर्चा हुई। रक्षा मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमारे पास एक मजबूत और सुदृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा होना चाहिए।’
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्रत्त् बलों को युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत है। सेना भविष्य के युद्धों में देश के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहे।